ओवेरियन सिस्ट पर सारी जानकारी प्राप्त करें |



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ओवरियन सिस्ट अंडाशय से सिस्ट (पुटी) हटाने की सर्जरी क्या है? ओवेरियन सिस्ट पर सारी जानकारी प्राप्त करें | औरतों के दो ओवरी होते हैं। जब किसी एक ओवरी में द्रव से भरी हुई थैली उत्पन्न हो जाती है उसे सिस्ट कहते हैं। माना जाता है कि ज़्यादातर महिलाओं को उनके जीवनकाल में कम से कम एक बार सिस्ट का विकास होता है। ओवेरियन सिस्ट के प्रकार 1. फॉलिकल सिस्ट 2. कार्पस लुटियम सिस्ट 3. डरमोईड सिस्ट 4. सिस्टाडेनोमास सिस्ट 5. एंडोमेटियमोमास सिस्ट 6. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम 1. फॉलिकल सिस्ट महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान फॉलिकल थैली में एक अंडे का विकास होता है। अधिकांश मामलों में यह थैली टूट जाती है और अंडा रिलीज़ हो जाता है। जब फॉलिकल टूटता नहीं और अंडा रिलीज़ नहीं करता तब उसके अंदर का फ्लूइड सिस्ट बना देता है। आमतौर पर यह समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाता है। 2. कार्पस लुटियम सिस्ट अंडा निकलने के बाद फॉलिकल नष्ट हो जाते हैं। यदि यह फॉलिकल नष्ट नहीं होता तो इसमें अतिरिक्त द्रव इकठ्ठा हो जाता है जिसकी वजह से कार्पस लुटियम सिस्ट बनता है। 3. डरमोईड सिस्ट सिस्ट जिनमें बाल, चमड़ी या दांत जैसे टिशू होते हैं दूसरे टिशू बनाने के लिए इस तरह के टिशू का विकास असामान्य तरीके से होता है। 4. सिस्टाडेनोमास सिस्ट यह ओवरी के बाहरी सतह पर विकसित होता है। यह पानी या फिर म्यूकस मटेरियल से भरा हो सकता है। 5. एंडोमेटियमोमास सिस्ट जब कोई टिशू गर्भाशय के अंदर बनता है तो वो गर्भाशय के बाहर भी विकसित होने लगता है और अंडाशय से जुड़ा होता है जिसके कारण सिस्ट बनता है। ऐसा तब होता है जब यूटरन एंडोमेट्रियल कोशिका गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। 6. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यह वह स्थिति है जब दोनों ओवरी में विभिन्न छोटे सिस्ट विकसित होने लगते हैं। यह कई सारे हार्मोनल समस्याओं से जुड़ा हुआ है।